Nirankari Online Satsang | प्यारी साध-संगत जी प्यार से कहना, धन निरंकार जी !
विस्तृत जानकारी
सतगुरु माता सुदीक्षा जी का विश्व के नाम सन्देश
सच्चाई और प्यार से एकत्व भाव बढ़ाएं
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वर्ष 2020 से हम सभी परिचित हैं कि जहां हर एक की रूटीन बदल गई वहीँ इसका प्रभाव पूरे संसार पर पड़ा। Nirankari Online Satsang किसे तरह किसी ने माया चाहे जितनी भी बटोर ली पर जब लॉकडाउन का समय आया तो Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji वह माया इस्तेमाल नहीं हो पाई।
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चाहे घर भी बना लिए अच्छे से अच्छे पर यातायात बन्द होने से कहीं आ-जा नहीं सकते। देखा गया कि महंगे घर भी किसी Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji काम के नहीं रहे। महंगी से महंगी गाड़ियों को भी कहीं ले जाना स्वीकृत नहीं था तो उनका भी कोई लाभ नहीं हुआ।
माया तो एक भ्रम है | Nirankari Vichar
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युगों-युगों से सन्तों की वाणी में श्रवण करते हैं कि माया ही सब कुछ नहीं है, इसी को सब कुछ न बनायें। माया तो एक भ्रम है। Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji जितना काम हो, इसका सदुपयोग करें, नहीं तो माया का भ्रम जो दिखता है वह प्रासंगिक नहीं है। Nirankari Online Satsang सन्तों ने इन्सान से कहा कि कैसे प्यार, नम्रता, दया, करुणा, आदर ने ही हमारे जीवन को सुन्दर बनाना है। Nirankari Online Satsang can be change our life. The purpose of Nirankari Online Satsang is universal brotherhood.
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आपस में प्यार की पकड़ मजबूत | Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji
अभी लॉकडाउन में भी इसको नकारात्मक रूप में नहीं लिया गया बल्कि इसको इस तरह देखा गया कि कैसे हमें अवसर मिला है, हम अपने काम-काज में व्यस्त रहते थे, अब परिवार को समय दे Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji पा रहे हैं। इसने हमें सिखाया, घरों में आपस में प्यार दिया और प्यार की पकड़ मजबूत हुई।
कहीं पर भी यदि कोई जरूरत है, जीवन में कोई कठिनाई है तो चाहे व्यक्तिगत रूप में दे पाएं, हमने Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji लॉकडाउन की स्थिति में समझा कि यह पूरा संसार ही अपना है। किसी की जरूरत की वह चीज यदि हमारे सामर्थ्य में है Nirankari Online Satsang कि हम दे सकें तो वह उसे पहुंचाई जाए।
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मानवता को अपनाना है | Satguru Mata Ji Vichar
मानवता ही सच्चा धर्म है, हम यदि इन्सान हैं तो इसी सच्चे धर्म को अपनाना है। हमें एकजुट होकर संसार को सिर्फ़ प्यार देना है, एक दूसरे को अपना Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji मानना है। कोई भेदभाव नहीं, बस प्यार ही करना है। Nirankari Online Satsang यही आशा, यही कामना हर एक के मन में, हर एक के लिए प्यार रहे, किसी ऐसी स्थिति से न आना पड़े कि हमने संसार में तो रहना है पर लगाव इस तरह नहीं।
प्यार, नम्रता व एकता इंसानों का गहना है ।
प्यार सजाये गुलशन को नफरत वीरान करे।
संतों की संगती जीवन में निखार लती है।
भक्त हमेशां अकर्ता भाव से युक्त रहता है।
धर्म की पहचान केवल आचरण द्वारा ही सम्भव है।
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एकत्व का भाव अपनाएं | Niranakari Live Satsang
हमने साधनों को साधन ही समझना है, उन पर अपने जीवन को आधारित नहीं कर लेना। जितना-जितना सच्चाई की Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji और बढ़ेंगे, जितना प्यार दिलों में बढ़ता जाएगा उतनी मजबूती से हम एकत्व का भाव बनाएंगे। Nirankari Online Satsang जितना गहरा रिश्ता होगा उतनी ही स्थिरता आएगी।
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यही अरदास परमात्मा से कि हर एक के जीवन में प्यार, नम्रता, Nirankari Vichar Satguru Mata Sudiksha Ji सहनशीलता, विशालता आदि गुण आयेंगे तो ही हम सच्चे शिष्य हैं।
बोलिए, सतगुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज की जय ! Nirankari Online Satsang निरंकारी राजमाता गुरबचन अवतार की जय ! साध-संगत जी धन निरंकार जी !
परमात्मा का बोध कैसे किया जा सकता है ?
पूर्ण सतगुरु की शरण में आकर परमात्मा को जाना और पाया जा सकता है क्योंकि कहा भी गया है कि गुरु बिन ज्ञान नहीं ।
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