सतगुरु के हरमन प्यारे, आदरनीय सुलेख साथी जी, निरंकारी कवि, लेखक और सन्त निरंकारी पंजाबी पत्रिका के सम्पादक, सतगुरु के चरणों में तोड़ निभाते हुए निरंकारमयी हो गए हैं.

शहंशाह जी से रहमतें प्राप्त निरंकारी कॉलोनी निवासी हंसमुख, मिलनसार, हरमन प्यारे, निरंकारी कवि, लेखक और सन्त निरंकारी (पंजाबी पत्रिका) के सम्पादक, श्री सुलेख साथी जी, ( Rev. Sulekh Sathi Ji ) 08 जुलाई, शनिवार को अकस्मात हृदय घात होने से निरंकार प्रभुसत्ता द्वारा प्रदत्त स्वांसों को पूर्ण कर गुरु चरणों में तोड़ निभाते हुए (16.06.1953 – 08.07.2023) नश्वर शरीर त्यागकर निरंकारमय हो गए हैं।

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सुलेख साथी जी 16.06.1953 – 08.07.2023

उनके पार्थिव शरीर को अन्तिम दर्शनों के लिए,10 जुलाई सोमवार को सुबह 9.30 बजे, मैरिज ग्राउंड, निरंकारी कॉलोनी में लाया गया और तदुपरांत, वहीं से 12 बजे, अन्तिम यात्रा आरम्भ होकर,12.30 बजे, निगम बोध घाट (CNG), कश्मीरी गेट, दिल्ली में सम्पन्न हुई।

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के चरणों मे अरदास है कि समस्त परिवार पूर्व की भाँति ही आपके चरणों में लगा रहे।

धन निरंकार जी !

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Khushvinder Naul ‘Mintu Ji’ Nirankari 25.11.1975 – 29.06.2023

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